आजकल अजीब सी बेकली से गुज़र रहा हूँ मैं
जो कभी मुंह लगाई थी उसको उगल रहा हूँ मैं
मैंने उसे अपने दिल के हमेशा करीब रखा,
पर वर्षों की पुरानी दोस्ती अब दफना रहा हूँ मैं
जाते जाते भी अपना असर दिखा रही है वो,
तड़प बहुत होती है मगर हिम्मत दिखा रहा हूँ मैं
आज कुछ दिन ही तो गुजरे हैं उसके बिना,
बीमार नहीं हूँ फिर भी बीमार सा लग रहा हूँ मैं
दुआ करो कि फिर न आये याद उसकी मुझे,
उसकी याद मिटाने को हर कदम उठा रहा हूँ मैं...
Na muskurane ko jee chahta hai,
Na aansoo bahane ko jee chahta hai,
Likhu to kya likhu teri yaad mein,
Bass tere paas laut k aane ko jee chahta hai....
कुछ नहीं नसीब में, गर तू नहीं है
ये ज़िंदगी बेकार है, गर तू नहीं है
आये हैं दुनिया में सिर्फ तेरे लिये,
मेरा कोई वज़ूद नहीं, गर तू नहीं है
मुस्कराते हैं फूल भोंरों के लिये,
मैं कैसे मुस्कराऊं, गर तू नहीं है
खुदा ने दिये हैं चंद लम्हें बस,
बुला लेगा वो वापस, गर तू नहीं है