निकल पड़ते हैं जज़्बात, क्या करें
दिल में अटकी है हर बात, क्या करें
उमड़ता रहता है दर्दे दिल अंदर ही,
अब न करता है कोई बात, क्या करें
अपने ही मसलों में मशगूल हैं सब,
अब न बढ़ाता है कोई हाथ, क्या करें
चाहत है हमसफ़र की हमें भी यारो,
मगर न आता है कोई साथ, क्या करें
न मिलता शरीफजादा कोई भी हमें,
जिगर में भरी है ख़ुराफ़ात, क्या करें
लगा दी उम्र हमने सुबह की आस में,
पर न गुज़री वो काली रात, क्या करें
कैसा नसीब पाया है हमने भी 'मिश्र',
न संभलती है बिगड़ी बात, क्या करें
Status sent by: S S Mishra Hindi Shayari Status
ज़रा सी देर में, इसरार बदल जाते हैं
वक़्त के साथ, इक़रार बदल जाते हैं
दौलत है तो सब दिखते हैं अपने से,
वर्ना तो यारो, दिलदार बदल जाते हैं
न करिये यक़ीं अब इन हवाओं पे भी,
मिज़ाज़ इनके, हर बार बदल जाते हैं
भूल जाओ अब तो सौहार्द की भाषा,
वक़्त पड़ने पर, घरवार बदल जाते हैं
जब तक समझ आते हैं अपने पराये,
जीने के तब तक, आसार बदल जाते हैं
न आजमाइए अब खून के रिश्तों को,
वक़्त पे उनके, व्यवहार बदल जाते हैं
न ढूंढिए 'मिश्र' अब मोहब्बत को इधर
देखते ही देखते, बाज़ार बदल जाते हैं
Status sent by: S S Mishra Hindi Shayari Status
कोई तो मेरी चाहतों को, ज़रूर समझेगा
कोई तो मेरी आदतों को, ज़रूर समझेगा
न निभा पाया मैं ये दुनिया के नाते रिश्ते,
कोई तो मेरी आफ़तों को, ज़रूर समझेगा
मिलते रहे हैं हर कदम पर धोखे ही धोखे,
कोई तो दिली आहटों को, ज़रूर समझेगा
जीने का इरादा तो कर दिया मुल्तवी मैंने,
कोई तो मेरी हसरतों को, ज़रूर समझेगा
यारो नहीं है ये दुनिया किसी की भी सगी,
कोई तो मेरी शराफ़तों को, ज़रूर समझेगा
उलझते रहे हैं 'मिश्र' तो फरेबों के जाल में,
कोई तो गहरी साजिशों को, ज़रूर समझेगा...
Status sent by: S S Mishra Hindi Shayari Status
अब तक तो हवाएं थीं, तूफ़ान अभी बाक़ी है
यारो न निकलिए बाहर, शैतान अभी बाक़ी है
हिलाके रख दिया है इस कोरोना की चाल ने,
अभी तो ये आगाज़ है, अंजाम अभी बाक़ी है
आया था पहले भी मगर इतना गलीज़ न था,
इसको थामने के वास्ते, लगाम अभी बाक़ी है
याखुदा अपनों को हम अब छू भी नहीं सकते,
लगता है इस अछूत का, गुमान अभी बाक़ी है
जा चुके न जाने कितने हमें छोड़ के सफ़र में,
लगता है शायद अपना, इम्तिहान अभी बाक़ी है
सुन कर किसी की चीखें दिल डोलता है 'मिश्र’,
न छोड़ेगा वो हमको भी,ये काम अभी बाक़ी है
Status sent by: S S Mishra Hindi Shayari Status
गर ज़िंदा रहे यारो, तो कल की सहर देखेंगे
रस्ते से हटे कांटे, तो अपनी भी डगर देखेंगे
डर डर के जी रहे हैं बंद कमरों में आजकल,
गर बदलेगा समां, तो आगे का सफ़र देखेंगे
जाने आ जाएँ कब गिरफ़्त में करोना की हम,
बच गए तो मेहरवानी, वरना तो कहर देखेंगे
बढ़ रहीं शमशान में धुएं की लकीरें रोज़ ही,
अब तो भरोसा है खुदा पे, उसकी मेहर देखेंगे
कसम खालो कि न छुएंगे अपने या पराये को,
वर्ना तो लोग जल्दी ही, मरने की खबर देखेंगे
जो चले थे कभी साथ साथ ज़िंदगी की राहों में
अबतो दूर से ही सबकेसब अंतिम सफऱ देखेंगे
होश में आओ ज़रा सा अभी भी वक़्त है 'मिश्र',
वरना तो तेरे अपने भी, बस इधर उधर देखेंगे...
Status sent by: S S Mishra Hindi Shayari Status