यारो आदमी को गुरूर में, जमीं नहीं दिखती !
किसी भी और की आँखों में, नमी नहीं दिखती !
औरों में तो दिखती हैं कमियां हज़ार उसको,
मगर उसे खुद के वजूद में, कमी नहीं दिखती !
रहता है अपनी खुशियों के जश्न में ग़ाफ़िल वो,
उसको तो किसी के दिल में, ग़मी नहीं दिखती !
दिखती हैं बुराइयां उसको तो सच्ची बातों में भी,
मगर अपनी जुबां के तीरों में, अनी नहीं दिखती !
पढ़ाते हैं "मिश्र" औरों को सदा ही पाठ नरमी का,
पर खुद को अपने मिज़ाज़ में, गरमी नहीं दिखती !
Hindi Shayari Status

मत खोइए सिर्फ ख़्वाबों में, कुछ कर के तो देखिये
यारो मुकद्दर की बात छोडो, कुछ हट के तो देखिये
किनारे पे खड़े हो कर तो दिखती हैं सिर्फ लहरें ही,
पाना है अगर सागर से, तो उसमें उतर के तो देखिये
आखिर जमाने से डर कर तुम जाओगे किधर दोस्त,
गर बदला है जमाना, तो खुद को बदल के तो देखिये
फैला है दुनिया में मुफलिसी का आलम हर जगह पे,
किसी मजलूम के दर्दों को, ज़रा समझ के तो देखिये
दुनिया इतनी ही नहीं जितनी कि तुम्हें दिखती है,
समझना है अगर इसको, तो आगे बढ़ के तो देखिये
Hindi Shayari Status
न बसाते दिल में किसी को, तो अच्छा होता !
न बताते राज़े दिल किसी को, तो अच्छा होता !
जब वक़्त बदला तो फेर लीं निगाहें यारों ने ,
न समझते अपना किसी को, तो अच्छा होता !
तल्खियों की बाढ़ में बह गए सब नाते रिश्ते,
न थमाते उँगलियाँ किसी को ,तो अच्छा होता !
करते हैं वार पीछे से वो हमारे यार बन कर ,
हम न लगाते गले किसी को, तो अच्छा होता !
बेहूदियों की हद तक बिगाड़ा महफ़िल को ,
यारो न बुलाते हम किसी को ,तो अच्छा होता !
लोग तो लिए फिरते हैं नमक अपने हाथों में ,
न दिखाते ये ज़ख्म किसी को, तो अच्छा होता !
औरों पे यक़ीन कर हम तो फंसते रहे "मिश्र",
यारा न परखते हम किसी को, तो अच्छा होता !!!
Hindi Shayari Status
हम तो जालसाजों के जालों में फंस गए,
बेसबब ही खामो ख़यालों में फंस गए !
इससे तो रात का अँधेरा ही बेहतर था,
जाने क्यों दिन के वबालों में फंस गए !
अपने ही झमेलों से न बच पाए हम तो,
कि औरों के रंजो मलालों में फंस गए !
सुकून की तलाश में ढूँढा था एक कोना,
पर उधर भी शोरो धमालों में फंस गए !
कर ली थी हमने इस मोहब्बत से तौबा,
पर फिर से हसीनों के जालों में फंस गए !
बड़ी ठीक थी सादा सी ज़िन्दगी "मिश्र",
पर शहर में आ कर दलालों में फंस गए !
Hindi Shayari Status
शरीफ़ों को दुनिया में, अब इज़्ज़त नहीं मिलती,
मुफ़्त में किसी को, अब मोहब्बत नहीं मिलती !
गर कोई नाराज़ है तो भला क्या करें हम यारो,
मज़बूर हैं कि उनसे, अब तबियत नहीं मिलती !
मुस्कराते चेहरों के पीछे क्या छुपा है क्या पता,
हमें दिलों में झांकने की, अब फुर्सत नहीं मिलती !
अफसोस, कितना गिर गया है ये जमाना अब तो,
यारो इधर तो ईमान से, अब सौहरत नहीं मिलती !
अब तो बेचैनियों का आलम दिखता है हर तरफ,
चाहत की हर किसी को, अब दौलत नहीं मिलती !
बस कहने को ये ज़िन्दगी बड़ी हसीन है "मिश्र",
पर खुशियों से जीने की, अब मोहलत नहीं मिलती !!!
Hindi Shayari Status