मेहरवानी अय वक़्त, तूने रहना सिखा दिया ,
दुनिया के सारे ग़म, तूने सहना सिखा दिया !
आसान कर दी, अपने परायों की परख तूने,
जो था लबों पर मेरे, तूने कहना सिखा दिया !
कूप मंडूक थे, न पता था बाहर का मिज़ाज़,
मिल के साथ राहों में, तूने चलना सिखा दिया !
लगाते थे तक तक कर, निशाने मुझ पे लोग,
इक बता के नया हुनर, तूने बचना सिखा दिया !
इबारत भोले चेहरों की, न समझ पाए हम,
शुक्रिया अय वक़्त कि, तूने पढ़ना सिखा दिया !
बदले नहीं हैं हम, यूं ही उलझे हुए से हैं ,
ज़माने की चाल में, कुछ अटके हुए से हैं !
न समझो कि न रहे हम पहले की तरह,
बस #खुशियों की चाह में, भटके हुए से हैं !
कभी थे दिन वो भी कि थी मस्ती ही मस्ती,
अब तो ग़मों की आग से, झुलसे हुए से हैं !
गुज़रा जमाना तो ख़यालो #ख़्वाब बन गया,
अब तो खुद के बुने जाल में, फंसे हुए से हैं !
ये #ज़िन्दगी भी कितने रंग बदलती है दोस्त,
लगता है कि भीड़ में, हम बिछड़े हुए से हैं !!!
कभी नफरतों में तुम, प्यार ढूंढो तो बात बने ,
कभी खामोशियों का, राज़ ढूंढो तो बात बने !
जो न कहता है दर्द अपने ज़माने में किसी से,
कभी तो उसके भी, अज़ाब ढूंढो तो बात बने !
इस #ज़िंदगी के सफर में मिलते हैं लाचार भी,
कभी उनके भी तुम, हालात ढूंढो तो बात बने !
क्यों कर ढूंढते हैं हम कमियां ही हर किसी में,
कभी तो अच्छाई भी, एकाध ढूंढो तो बात बने !
घुटता है बहुत कुछ इंसान के दिल में भी दोस्त,
कभी उसके भी तुम, ज़ज़्बात ढूंढो तो बात बने !
ऐ ज़िन्दगी मत पूछ, कि कितना करम बाक़ी है,
कितने तूफ़ान आने हैं, और कितना ग़म बाक़ी है !
देखनी है अभी तो अपने परायों की असलियत भी,
कितनों के दिल हैं पत्थर, कितनों में रहम बाक़ी है !
छलती रही है ये दुनिया न जाने कितनी तरह से,
देखना है कि लोगों में अभी, कितनी शरम बाक़ी है !
अरे न कर हौसले पस्त वरना तू कैसे जी सकेगा,
न भूल कि दुनिया में अभी, कुछ तो धरम बाक़ी है !
न उलझ तू बीते ज़माने के उन फसानों से दोस्त,
तेरी ज़िन्दगी का तो अभी, अंतिम कदम बाक़ी है !!!
ज़िन्दगी के, हर सबालात से डर लगता है,
जो गुज़र गए, उन लम्हात से डर लगता है !
काटने को दौड़ता है मेरा अतीत मुझको,
उसके तो अब, ख़यालात से डर लगता है !
मुड़ कर के देखने की हिम्मत न बची अब,
मुझे तो गुज़रे हुए, हालात से डर लगता है !
चुप के से जी लूं ज़िन्दगी जो बची है शेष,
मुझे कांइयों की, करामात से डर लगता है !
इस तक़दीर ने भी बड़े गुल खिलाये हैं दोस्त,
अब इसकी, हर ख़ुराफ़ात से डर लगता है !!!