Shanti Swaroop Mishra

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Rishton se aazad kar diya

मेरी शराफ़त ने ही, मुझको बर्बाद कर दिया,
अपना घर फूंक, औरों का आबाद कर दिया !
बड़ा ही घमंड पाल रखा था अपने खून पे मैंने,
उसने आज रिश्तों से, मुझे आज़ाद कर दिया !
अफ़सोस, कि खून भी मतलब परस्त हो गया,
मतलब निकलते ही, रिश्तों को हलाल कर दिया !
हम तो निभाते रहे बस बड़प्पन का लिहाज़ दोस्तो,
पर उसने अपना ज़मीर, समझो खाक कर दिया !
समझते रहे जिसको अपना ही सब कुछ हम,
उसने ही मेरी सख़्शियत को, बदहाल कर दिया !!!

Har Chehre Pe Muskan

हर एक चेहरे पर, मुस्कान मत खोजो,
किसी के नसीब का, अंजाम मत खोजो !
डूब चुका है जो गन्दगी के दलदल में,
रहने दो यारो, उसमें ईमान मत खोजो !
फंस गया है जो मज़बूरियों की क़ैद में,
उसके #दिल में दबे, अरमान मत खोजो !
जो पराया था आज अपना है तो अच्छा,
उसमें अब वो पुराने, इल्ज़ाम मत खोजो !
आदमी बस आदमी है इतना समझ लो,
हर किसी में अपना, #भगवान मत खोजो !
ये इंसान तो ऐबों का खज़ाना है दोस्तो,
उसके दिल से कोई, रहमान मत खोजो !!!

Uski Saanson Mein Hoon

मैं तो बसता हूँ उनकी साँसों में मगर,
वो मंदिरों मस्जिदों में खोजते फिरते हैं !
मैं मिलता हूँ सिर्फ इंसानियत में मगर,
लोग हैं कि मज़हबों में खोजते फिरते हैं !
मैं तो एक था एक ही रहूँगा सदा मगर,
लोग तो मुझे टुकड़ों में खोजते फिरते हैं !
हर जगह हूँ मैं मगर देखता कोई नहीं,
मैं पास हूँ मगर वो दूर खोजते फिरते हैं !
न करते हैं याद मेरी वो अच्छे दिनों में,
जब आते हैं बुरे दिन तो खोजते फिरते हैं !
कर दिया भेंट हर पल नफरतों को दोस्तो,
अब बिखरे हुए रिश्तों को खोजते फिरते हैं !!!

Gam Mein Bhi Muskurana

यारो ग़मों में भी मुस्कराना, बात छोटी नहीं !
गैरों को भी अपना बनाना, बात छोटी नहीं !
जब रास्ते की मुश्किलें बढ़ाने लगें फासले,
तो भी #मंज़िल पे पहुँच जाना, बात छोटी नहीं !
#ज़िंदगी की राह में मिलते हैं लोग कितने ही,
उनके दुखों में काम आना, बात छोटी नहीं !
दरिया ए जहान में घड़ियाल बहुत हैं दोस्त,
उनसे अपने को बचा पाना, बात छोटी नहीं !
जो रुसबाइयों के मंज़र में फंसे हैं रात दिन,
उनके चेहरों पे चमक लाना, बात छोटी नहीं !
जहां पर #नफरतों का ही बोलबाला हो,
वहां भी #मोहब्बतें निभा पाना, बात छोटी नहीं !

Ye Kaisi Khabar Sunayi

भैया कैसी तूने खबर सुनाई !
अब याद हमें तो नानी आई !
अब कैसे नोट ये बदले जाएँ,
चलो इन्हें अब आग दिखाएं,
अपना धंधा अब चौपट समझो,
आगे की अब आहट समझो,
ऊपर की सब गयी कमाई !
अब याद हमें तो नानी आई !
ईमान बेच कर किया इकठ्ठा,
उसका तो बैठ गया अब भट्टा,
अब घर का मंज़र नर्क हो गया,
इज़्ज़त का बेडा गर्क हो गया,
अब तक तो खाई खूब मलाई !
अब याद हमें तो नानी आई !
हम तो झटके में बेहाल हो गए,
कल के राजा कंगाल हो गए,
हम बड़े बड़े नोटों में खुश थे,
हर प्रकार के हमको सुख थे,
#मोदी ने कैसी ये गाज़ गिराई !
अब याद हमें तो नानी आई !