Shanti Swaroop Mishra

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Zindagi Ke Ajeeb Khel

ये #ज़िंदगी के खेल भी, कितने अजीब होते हैं !
सच्चाई की राह में, हमेशा काँटे नसीब होते हैं !
न चाहता है कोई भी अपनों से दूर होना मगर,
देते हैं वही धोखे, जो ज़िगर के करीब होते हैं !
ठुकराते हैं जो किसी को भी दौलत के नशे में,
सच्चाई तो ये है, कि वो #दिल के गरीब होते हैं !
जो ढूढने लगते हैं खोट अपनों के दिलों में भी,
यारो वो लोग तो, सचमुच में बदनसीब होते हैं !!!

Meri Zindagi ki kahani hai

मेरी ज़िन्दगी की, बस इतनी सी कहानी है !
बस चेहरे पर बेबसी, और आँखों में पानी है !

समझा जिसे अपना, वो तो बेवफा निकला ;
सोचा था क्या हमने, मगर वो क्या निकला ;
मारना ही था तो फिर, ज़िन्दगी क्यों दे दी ;
अच्छा भला था मैं, ये शर्मिंदगी क्यों दे दी ;
यही रंजोग़म तो, मोहब्बत की निशानी है !
चेहरे पे बस बेबसी ,
मेरी ज़िन्दगी की ---

अपनों पे यकीन कर, पछताते रहे रात दिन ;
रिसते हुए ज़ख्मों को, सहलाते रहे रात दिन;
खा के भी धोखा, दिल में बिठाये रखा उसे ;
दुनिया के सामने, अपना बनाये रखा उसे ;
मेरे फूटे नसीब की, बस यही मेहरवानी है !
चेहरे पे बस बेबसी,
मेरी ज़िन्दगी की ----

यूं ही मुश्किलों में, ज़िन्दगी बिता दी हमने ;
पर कोंन पराया है, पहिचान करा दी सबने;
दूर किनारे पर खड़े, हाथ हिलाते रहे अपने ;
हमें डूबता हुआ देखा, तो मुस्कराते रहे अपने ;
पर लोग कहते हैं कि, यही तो ज़िंदगानी है !
बस चेहरे पर बेबसी,
मेरी ज़िन्दगी की ---

Dil Dukhaane Lagi Hain

दिल की हरकतें, जुबां पे आने लगी हैं धीरे धीरे,
अब अंदर से हसरतें, मुस्कराने लगी हैं धीरे धीरे !
बहुत जी लिए घुट घुट के अब मुश्किल है दोस्तो,
अपनों की शरारतें, दिल दुखाने लगी हैं धीरे धीरे !
हर जज़्बात को जुबां पर लाना मुश्किल है यारो,
मगर #दिल की तरंगें, सुगबुगाने लगी हैं धीरे धीरे !
वक़्त ए सलामती न पहचान आया अपना पराया,
अब लोगों की फितरतें, समझ आने लगी हैं धीरे धीरे !

Jahan Koi Gam Na Ho

चलो हंसने की कोई, हम वजह ढूंढते हैं,
जिधर न हो कोई ग़म, वो जगह ढूंढते हैं !
बहुत उड़ लिए ऊंचे आसमानों में यारो,
चलो जमीं पे ही कहीं, हम सतह ढूंढते हैं !
छूटा संग कितनों का ज़िंदगी की जंग में,
चलो उनके दिलों की, हम गिरह ढूंढते हैं !
बहुत वक़्त गुज़रा भटकते हुए अंधेरों में,
चलो अँधेरी रात की, हम सुबह ढूंढते हैं !!!

Wo Humsafar nahi milta

मकां तो मिलते हैं मगर, कोई भी घर नहीं मिलता !
अब ईंट और गारे में, दिलों का असर नहीं मिलता !
सब कुछ पाने की ललक तो दिखती है हर जगह,
पर कहीं ख़ुदा के दिए, हिस्से में सबर नहीं मिलता !
अब तो करते हैं लोग दोस्ती सिर्फ मतलब के लिए,
जो #ज़िन्दगी भर निभा दे, वो हमसफ़र नहीं मिलता !
किसी के सुख से ग़मज़दा मिल जाएंगे हज़ारों लोग,
पर किसी के दुःख में भी रोये, वो अक्सर नहीं मिलता !