उम्र भर संभाली जो मोहब्बत की तानें,
कब टूट जाएं ये किसको पता है
मोहब्बत की राहों में वफ़ाओं के साये,
कब छूट जाएं ये किसको पता है
मद भरी आँखों में आते हसीन सपने,
कब टूट जाएं ये किसको पता है
है जीवन की नैया अब भंवर के हवाले,
कब डूब जाएं ये किसको पता है
अपनों को रखिये अपने दिल से लगा के,
कब रूठ जाएं ये किसको पता है...

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