Page - 72

Ye Kaisa Sitam Hai

हमने तो मांगा था ज़रा सा सुकून उनसे,
उल्टा वो एक नया ज़ख्म देकर चले गये
कल आबाद थे तो आँखों के नूर थे हम,
आज मुफ़लिसी का ताना देकर चले गये
मेरा बदहाल तो छूत की बीमारी बन गया,
अपने भी मुझसे पीछा छुड़ा कर चले गये
ये कैसा सितम है वक़्त के मारों पर
जो #दिल में थे वही दिल जला कर चले गये !!!

Hum Andhere Mein Chal Diye

हम जला के दिये खुद अंधेरों में चल दिये
किसी की यादों के उजाले ले कर चल दिये
न राहों की फिक्र हमको न मंज़िल का पता
फिर भी अंधेरों में रोशनी तलाशने चल दिये
लोग बिछाते रहे कांटे हमारी राहों में मगर
हम मुश्किलों को किनारे लगा कर चल दिये
मोहब्बत का दुश्मन है ये जमाना
उसके दिये ज़ख्म दिल से लगा कर चल दिये

Apne Dard Byan Nahi Karte

जो नज़र से गुज़र जाया करते हैं,,,
वो #सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं,

कुछ लोग कभी अपने #दर्द को बयां नहीं करते,
बस चुप-चाप बिखर जाया करते हैं !!!

Rote Rahe Teri Yaad Mein

पाना तो चाहते थे पर पा न सके,
ना पाकर भुलाना चाहा, पर ना भुला सके,,
रोते रहे तेरी याद मे, और
रोती हुई आँखों से आँसू गिरा ना सके !!!

Aankhein bta gai afsana unka

कैसे भूल जाऊं मैं हर पल मुस्कराना उनका
कभी कभी न मिलने के लिये बहाना उनका
दुनिया के शोर में भी न भूल पाता मैं
कोयल सी आवाज़ में मुझको बुलाना उनका
मैं सब कुछ भूल जाऊं गवारा है मुझको
लेकिन कैसे भूल जाऊं मैं प्यार पाना उनका
ग़म देकर ज़ुदा हो गये कोई शिकवा नहीं
पर याद आता रहेगा वो आँखें झुकाना उनका
उनका अलग होना कैसे कहूँ बेवफाई
आँखों का डबडबाना बता गया अफसाना उनका