कभी नाम बदल लेता है, कभी काम बदल लेता है
सब कुछ पाने की ललक में, वो ईमान बदल लेता है
इस बेसब्र आदमी को नहीं है किसी पे भी भरोसा,
गर न होती है चाहत पूरी, तो भगवान् बदल लेता है
है कैसा आदमी कि रखता है बस हड़पने की चाहत,
गर मिल जाए कुछ मुफ्त में, तो आन बदल लेता है
इतने रंग तो कभी गिरगिट भी नहीं बदल सकता है,
यारो जितने कि हर कदम पर, ये इंसान बदल लेता है
कमाल का हुनर हासिल है मुखौटे बदलने का इसको,
पड़ते ही अपना मतलब, झट से जुबान बदल लेता है
“मिश्र” काटता है बड़े ही ढंग से ये अपनों की जड़ों को,
सामने दिखा के भारी ग़म, पीछे मुस्कान बदल लेता है
Status sent by: S S Mishra Hindi Shayari Status
यारो क्यों जान अपनी, लुटाने पे तुले हो
क्यों अपने साथ सबको, मिटाने पे तुले हो
तुम खूब जानते हो करोना की विभीषिका,
फिर क्यों इसकी आफतें, बढ़ाने पे तुले हो
न खेलो खेल ऐसा कि बन आये जान पर,
क्यों कुकर्मों से वतन को, डुबाने पे तुले हो
धर लो बात शासन की अपने भी दिल में,
यारा इसके क्यों तार आगे, बढ़ाने पे तुले हो
सज़ाए मौत से अच्छी है कुछ दिन की क़ैद,
यारो क्यों ज़िंदगी का दाव, लगाने पे तुले हो
मत लगाओ पलीता शासन की कोशिशों को,
क्यों अपनों को चोट गहरी, लगाने पे तुले हो
रुक जाओ वहीँ पर जहाँ रुके थे अब तलक,
क्यों पलायन कर मुश्किलें, बढ़ाने पे तुले हो
गर हौसला है तो दुश्मन से अकेले ही लड़िये,
क्यों कफ़न अपने प्यारों को, उड़ाने पे तुले हो
कुदरत के सामने सब के सब लाचार हैं "मिश्र",
आखिर तुम क्यों उससे पंजा, लड़ाने पे तुले हो
Status sent by: S S Mishra Hindi Shayari Status
हम तो सिर्फ आप पे ही मरते हैं,
माना की आप तो हमसे बेइंतहा नफरत करते हैं
चलो नफरत ही सही तो क्या हुआ
कुछ तो है जो आप सिर्फ हम से करते हैं
Status sent by: Abhii_shekk Hindi Shayari Status
न रहीम नज़र आता है, न राम नज़र आता है ,
उसे तो वास्ते पेट के, बस काम नज़र आता है !
भटकता फिरता है वो दरबदर, वक़्त का मारा,
उसको तो बस रोटी में, हर धाम नज़र आता है !
न उसे मज़हब से कुछ मतलब, न सियासत से,
उसे तो अपना वजूद, बस ग़ुलाम नज़र आता है !
वो तो है कामगार, उसका काम है बस मजदूरी,
उसकी आँखों में खुदा पे, इल्ज़ाम नज़र आता है !
न देखता है वो सपने, रहने को ऊंचे महलों में,
उसे तो अपनी झोपड़ी में, आराम नज़र आता है !
उसे तो छलती आयी है सियासत, सपने दिखा के
पर उसके हाथों में सदा, टूटा जाम नज़र आता है !
'मिश्र' सब कुछ बदल गया, न बदला नसीब इनका
जब झांकता हूँ आँखों में, तो विराम नज़र आता है !
Status sent by: S S Mishra Hindi Shayari Status
जब तुम समझने लगो दर्द औरों का,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
जब तुम भुलाने लगो अपना दर्दे दिल,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
जब बंद कर दो टाँगें अड़ाना व्यर्थ में,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
जब निकाल फेंको तुम अपना अहम,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
जब कर लो यक़ीं ख़ुदा की नीयत पे ,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
जब छोड़ दो तुम सर्पों का कर्म उन पे,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
जब निकाल फेंको दुश्मनी का लफ्ज़ ,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
जब पकड़ लो दिल से ईमान का रस्ता,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
यारा जब आ जाएँ तुमको रिश्ते निभाने,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
जब तुम चलने लगो बस सीधी डगर पे ,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
जब पचा जाओ मेरी कमियों को ,
तो समझ लेना कि जीना आ गया !
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