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KIsmat Ke Taar Bikhre Hain

बिखरे हैं किस्मत के तार, न जाने कहाँ कहाँ !
भटकते रहे हम तो बेकार, न जाने कहाँ कहाँ !

बदलते रहे रास्ते हमतो मंज़िल की तलाश में,
मगर पहुंचा दिया हर बार, न जाने कहाँ कहाँ !

आये थे इस शहर में कुछ पाने की ललक में,
मगर यूँही होते रहे लाचार, न जाने कहाँ कहाँ !

ज़िन्दगी तो खेल है मगर आसां नहीं है इतना
जीत कर भी मिलती है हार, न जाने कहाँ कहाँ !

मत समझो "मिश्र" दुनिया को फूलों का चमन,
अब तो फैले हैं कांटे बेशुमार, न जाने कहाँ कहाँ !

Walking Distance Not Talking

वॉकिंग डिस्टेंस भले ही रख लें
टॉकिंग डिस्टेंस कभी मत रखना
क्योंकि #ज़िन्दगी के सफर में
गुजर जाते हैं जो मकाम वो फिर नहीं आते !!!

Tazurbe Achhe Nahi Hain

दोस्तो कानों के हम भी,कच्चे नहीं हैं !
मगर तज़ुर्बे हमारे, कुछ अच्छे नहीं हैं !

बजा कर झुनझुने फुसलाते हैं हमको,
कोई बताये उन्हें कि, हम बच्चे नहीं हैं !

सब समझते हैं हम चालाकियां उनकी,
सच ये है कि दिल के, वो सच्चे नहीं हैं !

फंसाते हैं किस कदर लोगों को झांसे में,
दिखते तो हैं भोले मगर, वो वैसे नहीं हैं !

वादों की पोटली ले कर आते हैं जब तब,
पर वादों के असर, कभी दिखते नहीं हैं !

लूटते हैं जनता को बड़े ही ढंग से "मिश्र",
फिर भी कहते हैं वो, कि उचक्के नहीं हैं !

Har lamha berukhi se

ज़िन्दगी का हर लम्हा, बेरुखी से तर निकला,
जिसको भी दिया दिल, वो सितमगर निकला !

ये शहर भी तो अब बेगानों का शहर है भाइयो,
चाहा था जिसे मैंने, चाहत से बेखबर निकला !

मैं तो समझा उनके दिल को न जाने क्या क्या,
देखा जब क़रीब से, तो वो निरा पत्थर निकला !

कितना मुश्किल है इंसान को समझना दोस्तो,
जो था कभी अपना, गैरों का हमसफ़र निकला !

इस अजब सी दुनिया के रंग भी अनोखे हैं,
यहां दुश्मन भी कभी, अपनों से बहतर निकला !

Zindagi angarao par

kabhi Zindagi angarao par chalti hai
kabhi Zindagi kinaro par chalti hai
Banani padti hai khud hi zindagi
kabhi na ye kisi ke saharo par chalti hai....