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Walking Distance Not Talking

वॉकिंग डिस्टेंस भले ही रख लें
टॉकिंग डिस्टेंस कभी मत रखना
क्योंकि #ज़िन्दगी के सफर में
गुजर जाते हैं जो मकाम वो फिर नहीं आते !!!

Tazurbe Achhe Nahi Hain

दोस्तो कानों के हम भी,कच्चे नहीं हैं !
मगर तज़ुर्बे हमारे, कुछ अच्छे नहीं हैं !

बजा कर झुनझुने फुसलाते हैं हमको,
कोई बताये उन्हें कि, हम बच्चे नहीं हैं !

सब समझते हैं हम चालाकियां उनकी,
सच ये है कि दिल के, वो सच्चे नहीं हैं !

फंसाते हैं किस कदर लोगों को झांसे में,
दिखते तो हैं भोले मगर, वो वैसे नहीं हैं !

वादों की पोटली ले कर आते हैं जब तब,
पर वादों के असर, कभी दिखते नहीं हैं !

लूटते हैं जनता को बड़े ही ढंग से "मिश्र",
फिर भी कहते हैं वो, कि उचक्के नहीं हैं !

Har lamha berukhi se

ज़िन्दगी का हर लम्हा, बेरुखी से तर निकला,
जिसको भी दिया दिल, वो सितमगर निकला !

ये शहर भी तो अब बेगानों का शहर है भाइयो,
चाहा था जिसे मैंने, चाहत से बेखबर निकला !

मैं तो समझा उनके दिल को न जाने क्या क्या,
देखा जब क़रीब से, तो वो निरा पत्थर निकला !

कितना मुश्किल है इंसान को समझना दोस्तो,
जो था कभी अपना, गैरों का हमसफ़र निकला !

इस अजब सी दुनिया के रंग भी अनोखे हैं,
यहां दुश्मन भी कभी, अपनों से बहतर निकला !

Zindagi angarao par

kabhi Zindagi angarao par chalti hai
kabhi Zindagi kinaro par chalti hai
Banani padti hai khud hi zindagi
kabhi na ye kisi ke saharo par chalti hai....

aadmi imaan badal leta hai

कभी नाम बदल लेता है, कभी काम बदल लेता है
सब कुछ पाने की ललक में, वो ईमान बदल लेता है

इस बेसब्र आदमी को नहीं है किसी पे भी भरोसा,
गर न होती है चाहत पूरी, तो भगवान् बदल लेता है

है कैसा आदमी कि रखता है बस हड़पने की चाहत,
गर मिल जाए कुछ मुफ्त में, तो आन बदल लेता है

इतने रंग तो कभी गिरगिट भी नहीं बदल सकता है,
यारो जितने कि हर कदम पर, ये इंसान बदल लेता है

कमाल का हुनर हासिल है मुखौटे बदलने का इसको,
पड़ते ही अपना मतलब, झट से जुबान बदल लेता है

“मिश्र” काटता है बड़े ही ढंग से ये अपनों की जड़ों को,
सामने दिखा के भारी ग़म, पीछे मुस्कान बदल लेता है