Zindagi Jala Di Humne

#जिंदगी जैसे जलानी थी
वैसे जला दी हमने गालिब,,,
अब धुएँ पर बहस कैसी
और राख पर ऐतराज कैसा !!!

#जिंदगी जैसे जलानी थी
वैसे जला दी हमने गालिब,,,
अब धुएँ पर बहस कैसी
और राख पर ऐतराज कैसा !!!
एक औरत का दर्द
तुम क्या जानो साहब,
काम करे
तो सांस फूल जाती है
और बैठ जाए
तो सास फूल जाती है!
और कुछ ना करे
तो बेचारी खुद फूल जाती है! 😛😂😂

टीचर – कपिल तू बहुत नालायक होता जा रहा है
कपिल – सर आपसे ही सब सीखता हूँ 😊
टीचर – ये बता कि 4 आदमी
एक खेत 1 दिन में जोतते हैं
तो 3 आदमी उस खेत को
कितने दिन में जोतेंगे?
कपिल – सर 🤔 वो 3 आदमी खेत जोतेंगे ही नहीं 😀
टीचर – क्यों ?
कपिल –
.
.
अरे वो वैसे दुखी होंगे कि
चौथा आदमी कहाँ गया? 🙂 🙂
टीचर बेहोश 😂
दौर ए गर्दिश का असर, कब तक रहेगा
यूं ही उलझनों का सफर, कब तक रहेगा
कभी तो टूटेगा आदमी का हौसला यारो,
न जाने आफतों का कहर, कब तक रहेगा,
ज़िंदगी लगा दी हमने ज़िंदगी की खोज में,
आखिर मरने जीने का डर, कब तक रहेगा
जिसने मुद्दतें गुज़ार दीं हवाओं से झगड़ते,
आखिए वो बूढा सा शज़र, कब तक रहेगा
भटकता है दिल रौशनी की चाह में हरदम,
आखिर इन अंधेरों का डर, कब तक रहेगा
भुला दी है सब ने "मिश्र" मोहब्बत की भाषा,
आखिर ये नफरतों का ज़हर, कब तक रहेगा
तेरे जाने का गम जरूर है
तेरे मेसेजों की कमी जरूर है,
कौन सी गलतफहमी बनी दीवार
उसको जानने की तड़प जरूर है !!!