45 Results

Maza Hi Kuch Aur Hai

गिर के फिर संभलने का, मज़ा ही कुछ और है ,
अपने पैरों से चलने का, मज़ा ही कुछ और है !
View Full

Zindagi Zara Si Hai

न करता कोई याद, तो ख़ुद ही याद कर लो ,
टूटे हुए रिश्तों को, फिर से आबाद कर लो !
View Full

Na Bacha Koi Gham

न बचा है कोई ग़म, मुझे अब रुलाने के लिए ,
मान गया है दिल भी, सब कुछ भुलाने के लिए !
View Full

Khwabon ko bikharte dekha

जाने कितने ख्वाबों को, मैंने बिखरते देखा है,
ज़िन्दगी की सरगम को, मैंने बिगड़ते देखा है!
View Full

Khoon Ke Rishte Mein

पत्नी: अगर मेरी शादी
किसी “राक्षस” से भी हो जाती
तो मैं इतनी परेशान नहीं होती
View Full

Dagabaaz nahin hoon

हूँ परेशान मगर, नाराज़ नहीं हूँ ,
झूठे #सपनों का, मोहताज़ नहीं हूँ !

जिया हूँ ग़मों में भी मज़े के साथ,
View Full

Bina Matlab Ke Wo

यूं ही बिना मतलब के, वो बात बोल देते हैं
खुद ब खुद अपना ही, वो राज़ खोल देते हैं
View Full

Rishton Ko Batayein Kaise

गुलशन में लगी आगों को, हम बुझाएं कैसे,
इन #मोहब्बत के परिंदों को, हम बचाएं कैसे !
View Full

Kaun Apna Kaun Praya

चाहत की इस दुनिया में, केवल व्यापार मिले मुझको
चाहा जिसे फूलों की तरह, उससे ही खार मिले मुझको
View Full

Badalte Dekha Hai Humne

न जाने कितनों को, बदलते देखा है हमने
कितने रिश्तों को, बिखरते देखा है हमने
View Full

Notice: ob_end_clean(): Failed to delete buffer. No buffer to delete in /home/desi22/desistatus/hashtag.php on line 229